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बेवफा आप भी

ahem ahem !
ahem ahem !
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आप इस देश के लिए आशा की एक किरण थी
अरविन्द केरीवाल, प्रशांत भूषण, योगेन्द्र यादव और आम आदमी पार्टी के सारे मौकापरस्त नेताओ को जनता से ४८ घंटे के अंदर माफ़ी मांगनी चाहिए
हज़ारो लाखो लोगो ने इन्हे पलकों पर बिछाया. सिधान्तो के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता.
—- अंजलि दमानिया भूतपूर्व आप नेता

अरविन्द केरीवाल अप्रैल २०१४ में कांग्रेस के नेताओ से सपोर्ट लेने उनके दरवाजे तक गए थे.
अरविन्द केजरीवाल उस समय के केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आज़ाद और जयराम रमेश से मिले थे.
यहाँ तक की खुद अरविन्द केजरीवाल राहुल गांधी से मीटिंग की प्रार्थना के साथ कार चलकर जयराम रमेश के लोदी गार्डन वाले बंगले में मिलने पहुंचे थे.
यहाँ तक की कांग्रेस को डिप्टी सी एम की कुर्सी तक ऑफर की यह तर्क देकर की बीजेपी को दूर रखने का यही एक रास्ता है.
लेकिन राहुल गांधी ने शीला दिक्सित से परामर्श के बाद अरविन्द केजरीवाल को साफ़ मना कर दिया.
—- कांग्रेसी वरिष्ठ नेताओ का लीक गेट पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल में

अरविन्द केजरीवाल ने फुल सपोर्ट जुटाने के लिए और किसी भी कीमत पर सरकार बनाने के लिए हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा दिया.
भूतपूर्व आप एम एल ऐ राजेश गर्ग के अनुसार उनके पास उनकी और अरविन्द केजरीवाल के बीच में बात का रिकार्डेड ऑडियो टेप है जिससे यह लगता
है की अरविन्द केजरीवाल कांग्रेस के ६ बिधायको को खरीदना या तोडना चाहते थे. मकसद यही था की फुल मेजोरिटी की सरकार चले.
अरविन्द ही नहीं मनीष सिसोदिया समेत और दुसरे उच्च आप नेता भी कांग्रेस के नेताओ के संपर्क में थे.
—- भूतपूर्व आप विधायक राजेश गर्ग

मैंने अरविन्द का समर्थन किया सिद्धांतो के लिए और ना कि खरीद फरोख्त के लिए – अंजलि दमानिया

अगर उपरोक्त में थोड़ी भी सच्चाई है तो राम ही मालिक है हिंदुस्तान का.

बेवफाई से खफा होकर एक बेवफा से पीछा छुड़ाया था अभी अभी
हाय रे, क्या पता था निकलोगे आप भी बेवफा ?

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